Saturday, January 28, 2023

भजन संहिता,

 

भजन संहिता 7:1-17

I हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मेरा भरोसा तुझ पर है; सब पीछा करने वालों से मुझे बचा और छुटकारा दे,

II ऐसा हो कि वे मुझ को सिंह की नाईं फाड़कर टुकड़े टुकड़े कर डालें; और कोई मेरा छुड़ाने वाला हो॥

III हे मेरे परमेश्वर यहोवा, यदि मैं ने यह किया हो, यदि मेरे हाथों से कुटिल काम हुआ हो,

IV यदि मैं ने अपने मेल रखने वालों से भलाई के बदले बुराई की हो, (वरन मैं ने उसको जो अकारण मेरा बैरी था बचाया है)

V तो शत्रु मेरे प्राण का पीछा करके मुझे पकड़े, वरन मेरे प्राण को भूमि पर रौंदे, और मेरी महिमा को मिट्टी में मिला दे॥

VI हे यहोवा क्रोध करके उठ; मेरे क्रोध भरे सताने वाले के विरूद्ध तू खड़ा हो जा; मेरे लिये जाग! तूने न्याय की आज्ञा तो देदी है।

VII देश देश के लोगों की मण्डली तेरे चारों ओर हो; और तू उनके ऊपर से होकर ऊंचे स्थानों पर लौट जा।

VIII यहोवा समाज समाज का न्याय करता है; यहोवा मेरे धर्म और खराई के अनुसार मेरा न्याय चुका दे॥

IX भला हो कि दुष्टों की बुराई का अन्त हो जाए, परन्तु धर्म को तू स्थिर कर; क्योंकि धर्मी परमेश्वर मन और मर्म का ज्ञाता है।

X मेरी ढाल परमेश्वर के हाथ में है, वह सीधे मन वालों को बचाता है॥

XI परमेश्वर धर्मी और न्यायी है, वरन ऐसा ईश्वर है जो प्रति दिन क्रोध करता है॥

XII यदि मनुष्य फिरे तो वह अपनी तलवार पर सान चढ़ाएगा; वह अपना धनुष चढ़ाकर तीर सन्धान चुका है।

XIII और उस मनुष्य के लिये उसने मृत्यु के हथियार तैयार कर लिए हैं: वह अपने तीरों को अग्निबाण बनाता है।

XIV देख दुष्ट को अनर्थ काम की पीड़ाएं हो रही हैं, उसको उत्पात का गर्भ है, और उससे झूठ उत्पन्न हुआ। उसने गड़हा खोदकर उसे गहिरा किया,

XV और जो खाई उसने बनाई थी उस में वह आप ही गिरा।

XVI और उसका उपद्रव उसी के माथे पर पड़ेगा; उसका उत्पात पलट कर उसी के सिर पर पड़ेगा॥

XVII मैं यहोवा के धर्म के अनुसार उसका धन्यवाद करूंगा, और परमप्रधान यहोवा के नाम का भजन गाऊंगा॥


प्रभु येशु मसीह का आज का विचार,


 

प्रभु येशु मसीह का आज का विचार,

 



Thursday, January 19, 2023

भजन संहिता,

 

भजन संहिता 6:1-10

i  हे यहोवा, तू मुझे अपने क्रोध में डांट, और झुंझलाहट में मुझे ताड़ना दे।

ii  हे यहोवा, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मैं कुम्हला गया हूं; हे यहोवा, मुझे चंगा कर, क्योंकि मेरी हडि्डयों में बेचैनी है।

iii  मेरा प्राण भी बहुत खेदित है। और तू, हे यहोवा, कब तक?

iv  लौट , हे यहोवा, और मेरे प्राण बचा अपनी करूणा के निमित्त मेरा उद्धार कर।

v  क्योंकि मृत्यु के बाद तेरा स्मरण नहीं होता; अधोलोक में कौन तेरा धन्यवाद करेगा?

vi  मैं कराहते कराहते थक गया; मैं अपनी खाट आंसुओं से भिगोता हूं; प्रति रात मेरा बिछौना भीगता है।

vii  मेरी आंखें शोक से बैठी जाती हैं, और मेरे सब सताने वालों के कारण वे धुन्धला गई हैं॥

viii  हे सब अनर्थकारियों मेरे पास से दूर हो; क्योंकि यहोवा ने मेरे रोने का शब्द सुन लिया है।

ix  यहोवा ने मेरा गिड़गिड़ाना सुना है; यहोवा मेरी प्रार्थना को ग्रहण भी करेगा।

x  मेरे सब शत्रु लज्जित होंगे और बहुत घबराएंगे; वे लौट जाएंगे, और एकाएक लज्जित होंगे॥