Friday, December 30, 2022

भजन संहिता 2: 1-12

 भजन संहिता 2: 1-12


        I.            जाति जाति के लोग क्यों हुल्लड़ मचाते हैंऔर देश देश के लोग व्यर्थ बातें क्यों सोच रहे हैं?

      II.            यहोवा के और उसके अभिषिक्त के विरूद्ध पृथ्वी के राजा मिलकरऔर हाकिम आपस में सम्मति करके कहते हैंकि

    III.            आओहम उनके बन्धन तोड़ डालेंऔर उनकी रस्सियों अपने ऊपर से उतार फेंके॥

    IV.            वह जो स्वर्ग में विराजमान हैहंसेगाप्रभु उन को ठट्ठों में उड़ाएगा।

      V.            तब वह उन से क्रोध करके बातें करेगाऔर क्रोध में कहकर उन्हें घबरा देगाकि

    VI.            मैं तो अपने ठहराए हुए राजा को अपने पवित्र पर्वत सिय्योन की राजगद्दी पर बैठा चुका हूं।

  VII.            मैं उस वचन का प्रचार करूंगाजो यहोवा ने मुझ से कहातू मेरा पुत्रा हैआज तू मुझ से उत्पन्न हुआ।

VIII.            मुझ से मांगऔर मैं जाति जाति के लोगों को तेरी सम्पत्ति होने के लियेऔर दूर दूर के देशों को तेरी निज भूमि बनने के लिये दे दूंगा।

    IX.            तू उन्हें लोहे के डण्डे से टुकड़े टुकड़े करेगा। तू कुम्हार के बर्तन की नाईं उन्हें चकना चूर कर डालेगा॥

      X.            इसलिये अबहे राजाओंबुद्धिमान बनोहे पृथ्वी के न्यायियोंयह उपदेश ग्रहण करो।

    XI.            डरते हुए यहोवा की उपासना करोऔर कांपते हुए मगन हो।

  XII.            पुत्र को चूमो ऐसा  हो कि वह क्रोध करेऔर तुम मार्ग ही में नाश हो जाओक्योंकि क्षण भर में उसका क्रोध भड़कने को है॥ धन्य हैं वे जिनका भरोसा उस पर है॥


प्रभु येशु मसीह का आज का विचार,

 



पवित्र बाइबल

 

भजन संहिता 1: 1-6


 1 क्या ही धन्य है वह पुरूष जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, और न पापियों के मार्ग में खड़ा होता; और न ठट्ठा करने वालों की मण्डली में बैठता है! 

भजन संहिता 1:1


2 परन्तु वह तो यहोवा की व्यवस्था से प्रसन्न रहता; और उसकी व्यवस्था पर रात दिन ध्यान करता रहता है। 

भजन संहिता 1:2


3 वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है। और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिये जो कुछ वह पुरूष करे वह सफल होता है॥ 

भजन संहिता 1:3


4 दुष्ट लोग ऐसे नहीं होते, वे उस भूसी के समान होते हैं, जो पवन से उड़ाई जाती है। 

भजन संहिता 1:4


5 इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, और न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे; 

भजन संहिता 1:5


6 क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है, परन्तु दुष्टों का मार्ग नाश हो जाएगा॥ 

भजन संहिता 1:6


Susheel Kumar Bhardwaj