Tuesday, January 10, 2023

भजन संहिता,

 भजन संहिता 4:1-8

(a) हे मेरे धर्ममय परमेश्वर जब मैं पुकारूं तब तू मुझे उत्तर दे जब मैं सकेती में पड़ा तब तू ने मुझे विस्तार दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले॥
(b) तुम कब तक व्यर्थ बातों से प्रीति रखोगे और झूठी युक्ति की खोज में रहोगे हे मनुष्यों के पुत्रों, मेरी महिमा के बदले कब तक अनादर होता रहेगा?
(c) यह जान रखो कि यहोवा ने भक्त को अपने लिये अलग कर रखा है जब मैं यहोवा को पुकारूंगा तब वह सुन लेगा
(d) कांपते रहो और पाप मत करो अपने अपने बिछौने पर मन ही मन सोचो और चुपचाप रहो।
(e) धर्म के बलिदान चढ़ाओ, और यहोवा पर भरोसा रखो
(f) हे यहोवा तू अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका बहुत से हैं जो कहते हैं, कि कौन हम को कुछ भलाई दिखाएगा
(g) तू ने मेरे मन में उससे कहीं अधिक आनन्द भर दिया है, जो उन को अन्न और दाखमधु की बढ़ती से होता था
(h) मैं शान्ति से लेट जाऊंगा और सो जाऊंगा; क्योंकि, हे यहोवा, केवल तू ही मुझ को एकान्त में निश्चिन्त रहने देता है

प्रभु येशु मसीह का आज का विचार,




प्रकाशित वाक्य 21:23-25


और उस नगर में सूर्य और चान्द के उजाले का प्रयोजन नहीं, क्योंकि परमेश्वर के तेज से उस में उजाला हो रहा है, और मेम्ना उसका दीपक है। 

और जाति जाति के लोग उस की ज्योति में चले फिरेंगे, और पृथ्वी के राजा अपने अपने तेज का सामान उस में लाएंगे। 

और उसके फाटक दिन को कभी बन्द न होंगे, और रात वहां न होगी।