भजन संहिता
6:1-10
i हे
यहोवा, तू मुझे
अपने क्रोध में
न डांट, और
न झुंझलाहट में
मुझे ताड़ना दे।
ii हे
यहोवा, मुझ पर
अनुग्रह कर, क्योंकि
मैं कुम्हला गया
हूं; हे यहोवा,
मुझे चंगा कर,
क्योंकि मेरी हडि्डयों
में बेचैनी है।
iii मेरा
प्राण भी बहुत
खेदित है। और
तू, हे यहोवा,
कब तक?
iv लौट
आ, हे यहोवा,
और मेरे प्राण
बचा अपनी करूणा
के निमित्त मेरा
उद्धार कर।
v क्योंकि
मृत्यु के बाद
तेरा स्मरण नहीं
होता; अधोलोक में
कौन तेरा धन्यवाद
करेगा?
vi मैं
कराहते कराहते थक गया;
मैं अपनी खाट
आंसुओं से भिगोता
हूं; प्रति रात
मेरा बिछौना भीगता
है।
vii मेरी
आंखें शोक से
बैठी जाती हैं,
और मेरे सब
सताने वालों के
कारण वे धुन्धला
गई हैं॥
viii हे
सब अनर्थकारियों मेरे
पास से दूर
हो; क्योंकि यहोवा
ने मेरे रोने
का शब्द सुन
लिया है।
ix यहोवा
ने मेरा गिड़गिड़ाना
सुना है; यहोवा
मेरी प्रार्थना को
ग्रहण भी करेगा।
x मेरे
सब शत्रु लज्जित
होंगे और बहुत
घबराएंगे; वे लौट
जाएंगे, और एकाएक
लज्जित होंगे॥