हे मेरी प्रजा के लोगो, मेरी ओर ध्यान धरो; हे मेरे लोगो, कान लगाकर मेरी सुनो; क्योंकि मेरी ओर से व्यवस्था दी जाएगी, और मैं अपना नियम देश देश के लोगों की ज्योति होने के लिये स्थिर करूंगा। मेरा छुटकारा निकट है; मेरा उद्धार प्रगट हुआ है; मैं अपने भुजबल से देश देश के लोगों का न्याय करूंगा। द्वीप मेरी बाट जाहेंगे और मेरे भुजबल पर आशा रखेंगे। यशायाह 51:4-5
Saturday, January 28, 2023
Wednesday, January 25, 2023
Tuesday, January 24, 2023
Monday, January 23, 2023
Thursday, January 19, 2023
भजन संहिता,
भजन संहिता
6:1-10
i हे
यहोवा, तू मुझे
अपने क्रोध में
न डांट, और
न झुंझलाहट में
मुझे ताड़ना दे।
ii हे
यहोवा, मुझ पर
अनुग्रह कर, क्योंकि
मैं कुम्हला गया
हूं; हे यहोवा,
मुझे चंगा कर,
क्योंकि मेरी हडि्डयों
में बेचैनी है।
iii मेरा
प्राण भी बहुत
खेदित है। और
तू, हे यहोवा,
कब तक?
iv लौट
आ, हे यहोवा,
और मेरे प्राण
बचा अपनी करूणा
के निमित्त मेरा
उद्धार कर।
v क्योंकि
मृत्यु के बाद
तेरा स्मरण नहीं
होता; अधोलोक में
कौन तेरा धन्यवाद
करेगा?
vi मैं
कराहते कराहते थक गया;
मैं अपनी खाट
आंसुओं से भिगोता
हूं; प्रति रात
मेरा बिछौना भीगता
है।
vii मेरी
आंखें शोक से
बैठी जाती हैं,
और मेरे सब
सताने वालों के
कारण वे धुन्धला
गई हैं॥
viii हे
सब अनर्थकारियों मेरे
पास से दूर
हो; क्योंकि यहोवा
ने मेरे रोने
का शब्द सुन
लिया है।
ix यहोवा
ने मेरा गिड़गिड़ाना
सुना है; यहोवा
मेरी प्रार्थना को
ग्रहण भी करेगा।
x मेरे
सब शत्रु लज्जित
होंगे और बहुत
घबराएंगे; वे लौट
जाएंगे, और एकाएक
लज्जित होंगे॥