हे मेरी प्रजा के लोगो, मेरी ओर ध्यान धरो; हे मेरे लोगो, कान लगाकर मेरी सुनो; क्योंकि मेरी ओर से व्यवस्था दी जाएगी, और मैं अपना नियम देश देश के लोगों की ज्योति होने के लिये स्थिर करूंगा। मेरा छुटकारा निकट है; मेरा उद्धार प्रगट हुआ है; मैं अपने भुजबल से देश देश के लोगों का न्याय करूंगा। द्वीप मेरी बाट जाहेंगे और मेरे भुजबल पर आशा रखेंगे। यशायाह 51:4-5
Monday, January 23, 2023
Thursday, January 19, 2023
भजन संहिता,
भजन संहिता
6:1-10
i हे
यहोवा, तू मुझे
अपने क्रोध में
न डांट, और
न झुंझलाहट में
मुझे ताड़ना दे।
ii हे
यहोवा, मुझ पर
अनुग्रह कर, क्योंकि
मैं कुम्हला गया
हूं; हे यहोवा,
मुझे चंगा कर,
क्योंकि मेरी हडि्डयों
में बेचैनी है।
iii मेरा
प्राण भी बहुत
खेदित है। और
तू, हे यहोवा,
कब तक?
iv लौट
आ, हे यहोवा,
और मेरे प्राण
बचा अपनी करूणा
के निमित्त मेरा
उद्धार कर।
v क्योंकि
मृत्यु के बाद
तेरा स्मरण नहीं
होता; अधोलोक में
कौन तेरा धन्यवाद
करेगा?
vi मैं
कराहते कराहते थक गया;
मैं अपनी खाट
आंसुओं से भिगोता
हूं; प्रति रात
मेरा बिछौना भीगता
है।
vii मेरी
आंखें शोक से
बैठी जाती हैं,
और मेरे सब
सताने वालों के
कारण वे धुन्धला
गई हैं॥
viii हे
सब अनर्थकारियों मेरे
पास से दूर
हो; क्योंकि यहोवा
ने मेरे रोने
का शब्द सुन
लिया है।
ix यहोवा
ने मेरा गिड़गिड़ाना
सुना है; यहोवा
मेरी प्रार्थना को
ग्रहण भी करेगा।
x मेरे
सब शत्रु लज्जित
होंगे और बहुत
घबराएंगे; वे लौट
जाएंगे, और एकाएक
लज्जित होंगे॥
Wednesday, January 18, 2023
Friday, January 13, 2023
Thursday, January 12, 2023
Wednesday, January 11, 2023
भजन संहिता,
भजन संहिता
5:1-12
i)
यहोवा, मेरे वचनों पर कान
लगा; मेरे ध्यान
करने की ओर
मन लगा।
ii)
हे मेरे राजा, हे मेरे
परमेश्वर, मेरी दोहाई
पर ध्यान दे,
क्योंकि मैं तुझी
से प्रार्थना करता
हूं।
iii)
हे यहोवा, भोर को
मेरी वाणी तुझे
सुनाई देगी, मैं
भोर को प्रार्थना
करके तेरी बाट
जोहूंगा।
iv)
क्योंकि तू ऐसा ईश्वर
नहीं जो दुष्टता
से प्रसन्न हो;
बुराई तेरे साथ
नहीं रह सकती।
v)
घमंडी तेरे सम्मुख खड़े होने
न पांएगे; तुझे
सब अनर्थकारियों से
घृणा है।
vi)
तू उन को जो
झूठ बोलते हैं
नाश करेगा; यहोवा
तो हत्यारे और
छली मनुष्य से
घृणा करता है।
vii)
परन्तु मैं तो तेरी
अपार करूणा के
कारण तेरे भवन
में आऊंगा, मैं
तेरा भय मानकर
तेरे पवित्र मन्दिर
की ओर दण्डवत्
करूंगा।
viii)
हे यहोवा, मेरे शत्रुओं
के कारण अपने
धर्म के मार्ग
में मेरी अगुवाई
कर; मेरे आगे
आगे अपने सीधे
मार्ग को दिखा।
ix)
क्योंकि उनके मुंह में
कोई सच्चाई नहीं;
उनके मन में
निरी दुष्टता है।
उनका गला खुली
हुई कब्र है,
वे अपनी जीभ
से चिकनी चुपड़ी
बातें करते हैं।
x)
हे परमेश्वर तू उन
को दोषी ठहरा;
वे अपनी ही
युक्तियों से आप
ही गिर जाएं;
उन को उनके
अपराधों की अधिकाई
के कारण निकाल
बाहर कर, क्योंकि
उन्होंने तुझ से
बलवा किया है॥
xi)
परन्तु जितने तुझ पर
भरोसा रखते हैं
वे सब आनन्द
करें, वे सर्वदा
ऊंचे स्वर से
गाते रहें; क्योंकि
तू उनकी रक्षा
करता है, और
जो तेरे नाम
के प्रेमी हैं
तुझ में प्रफुल्लित
हों।
xii) क्योंकि तू धर्मी को आशिष देगा; हे यहोवा, तू उसको अपने अनुग्रहरूपी ढाल से घेरे रहेगा॥